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कैसे पाएं बंदूक, रिवॉल्‍वर या राइफल के लिए लाइसेंस | How You Get Gun Licence all Rules

कैसे पाएं बंदूक, रिवॉल्‍वर या राइफल के 

लिए लाइसेंस | How You Get Gun Licence

 all Rules 


गन लाइसेंस एक धनरक्षक दस्तावेज होता है, जिसे किसी व्यक्ति को अपने पास रखने की अनुमति दी जाती है, ताकि वह अनुमति के बिना अपनी राइफल, पिस्तल, बंदूक या फिर दूसरे हथियार का इस्तेमाल नहीं कर सकता। इसे देश के कानूनों के अनुसार प्राप्त किया जाता है और इसे प्रत्येक देश में विभिन्न प्रकार की अनुमतियों द्वारा वितरित किया जाता है।

गन लाइसेंस प्राप्त करने के लिए, व्यक्ति को अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेजों जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जरूरत होती है। इसके अलावा, व्यक्ति को सरकार द्वारा निर्धारित आयु सीमा तथा अन्य निर्देशों का पालन करना होता है।

गन लाइसेंस को विभिन्न प्रकार की अनुमतियों के लिए जारी किया जाता है, जैसे शिकार, स्वामित्व की रक्षा, और शूटिंग स्पोर्ट्स आदि। इसके अलावा, अन्य नियम भी होते हैं,





कौन कौन सी बंदूक का मिलता है लाइसेंस-
आम नागरिकों के लिए शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टिंग गन के लाइसेंस ही जारी किए जाते हैं। एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन बंदूकों के लाइसेंस ले सकता है। हालांकि ये तीन बंदूकें कौन सी होंगी यह अभी तय नहीं है। आप इन तीनों बंदूकों में से कोई सी भी तीन बंदूक रख सकता है फिर वो चाहे तीनों हैंडगन हों या दो हैंडगन और एक शॉर्टगन।
क्यों जरूरी है लाइसेंस
बंदूक के लाइसेंस का आवेदन करते समय आपको स्पष्ट रुप से लिखना होता है कि आप किस लिए बंदूक का लाइसेंस लेना चाहते हैं। किसी व्यक्ति या संपत्ति की सुरक्षा, निजी सुरक्षा और शिकार के इस्तेमाल में लाई जाने वाली बंदूक का लाइसेंस ही आमतौर पर जारी होता है।
दिल्ली में क्या आती हैं मुश्किलें-
अगर आप दिल्ली में लाइसेंस के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो आपको निजी सुरक्षा और संपत्ति की हिफाजत के हवाले के साथ साथ अपने संभावित खतरे को तार्किक ढंग से सही ठहराना होगा। नहीं तो दिल्ली में इन मदों में लाइसेंस पाना आसान नहीं है। इसके पीछे तर्क यह है कि दिल्ली पुलिस आपको महफूज रखने के लिए इतनी चाकचौबंद है कि आपको निजी सुरक्षा के लिए बंदूक रखने की जरूरत नहीं है। आपको ऐसे मामलों में अपने आय संबंधी दस्तावेजों को भी जमा करना पड़ सकता है।

हथियार के लाइसेंस के लिए कैसे करें आवेदन? 
अगर आप भी हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले 'फॉर्म ए' भरना होगा, जो हथियारों के नियम, 1962 के तहत दिया गया है। इसी फॉर्म से हर प्रकार के लाइसेंस लिए जाते हैं। एप्लिकेशन को वेबसाइट से डाउनलोड करके उसे सहायक दस्तावेजों के साथ हथियारों का लाइसेंस देने के दफ्तर में जमा करना होता है, जो आपके इलाके के डीएम या डिप्टी कमिश्नर या पुलिस कमिश्नर के तहत आता हो
कौन से दस्तावेज करने होंगे जमा? 
लाइसेंस देने वाला व्यक्ति आपके हथियार और उसकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कई दस्तावेज मांग सकता है। हालांकि, आपको अपनी पहचान, पता, उम्र और फिटनेस प्रूफ देना ही होगा। साथ ही आपको यह भी बताना होगा कि आप कौन सा हथियार खरीदना चाहते हैं। इसके अलावा आपको अपनी दो पासपोर्ट साइज की तस्वीरें भी देनी होंगी

कितने दिनों में मिल जाता है लाइसेंस?
गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार लाइसेंस मिलने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। लाइसेंस की प्रक्रिया काफी जटिल होती है और यह अलग-अलग हथियार के लिए अलग-अलग होती है। हालांकि, लाइसेंस पा चुके कुछ लोगों के हिसाब से लाइसेंस महीने भर के अंदर भी मिल सकता है, जबकि कुछ को लाइसेंस मिलने में साल भर तक का भी समय लग गया। ये

क्या लाइसेंस के आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है? 
अगर आपके आवेदन से लाइसेंस देने वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की आपत्ति होती है तो आपके आवेदन को खारिज भी किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप चाहते हैं तो आपकी मांग पर आपके लाइसेंस का आवेदन खारिज करने की पूरी जानकारी लिखित में दी जा सकती है। वहीं दूसरी ओर, अगर लाइसेंस देने वाले अधिकारी को लगता है कि आवेदन का कारण बताना जनहित में नहीं है तो वह कारण बताने से मना भी कर सकता है। आप चाहें तो आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 18 और आर्म्स रूल 1962 के नियम 5 के तहत आपका आवेदन खारिज करने के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं।

कहां-कहां लेकर जा सकते हैं हथियार?
 यूं तो सामान्य तौर पर आपको हथियार का लाइसेंस सिर्फ आपके राज्य भर के लिए ही मिलता है, लेकिन आप चाहें तो आर्म्स रूल 1962 के रूल 53 के तहत आप इसे पूरे देश के लिए भी बढ़वा सकते हैं और पूरे देश में अपना हथियार लेकर कहीं भी आ और जा सकते हैं। हालांकि, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा गया है कि वे किसी के लाइसेंस को पूरे देश के लिए एक्सटेंड करने से पहले गृह मंत्रालय से बात जरूर कर लें। अधिक जानकारी के लिए आप गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस दस्तावेज को पढ़ सकते हैं।


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