आपने अक्सर सुना होगा कि घर के बड़े बुज़ुर्ग मछली खाने के बाद दूध या दही का सेवन करने के लिए मना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि मछली के बाद इन चीज़ों के सेवन से त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ जाते हैं। लेकिन क्या इस बात के पीछे कोई वैज्ञानिक दावा भी है? हमारी डायटीशियन और स्पोर्ट्स न्यूट्रीशनिस्ट दीपशिखा अग्रवाल बता रही हैं कि क्या है इस बात का सच। (इसे भी पढें, मछली का सेवन स्वास्थ्य को पहुंचाता है ये 6 लाभ)
दीपशिखा का कहना है कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण या अध्ययन नहीं है जो ये साबित करे कि दूध और मछली एक साथ खाना नुकसानदायक है। ये सिर्फ एक मिथक है। कई आधुनिक रेसिपी और खानपान की आदतें ये साबित करती हैं कि मछली और दही एक साथ खाने से किसी प्रकार की एलर्जी या त्वचा रोग का जोखिम नहीं होता।
त्वचा पर सफेद दाग शरीर के किसी हिस्से या पूरे शरीर में फंगल इंफेक्शन या पिगमेंट-फॉर्मिंग सेल्स मिलनोसाइट्स (melanocytes) के नष्ट होने से होता है। मछली और दूध मिलकर इस तरह की कोई समस्या पैदा नहीं करते। हालांकि अगर आपको लैक्टोज़ से समस्या है या किसी प्रकार की मछली से कोई एलर्जी, तो आपको मतली, खुजली या पेट में दर्द हो सकता है। ये इन दोनों को साथ लेने या अलग-अलग लेने से भी होगा।
मछली के ऊपर दूध पीना असाधारण है और इसके कोई लाभ नहीं होते हैं। वास्तव में, मछली जीव जंतु होती है जो कि दूध नहीं पीती है। मछलियों को उनके शरीर के विभिन्न अंगों से खाने के लिए पोषण लेना होता है, जैसे कि मांस, प्लांक्टन, कीटाणु और अन्य जीवाणु।
इसलिए, मछली के ऊपर दूध पीने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा बल्कि उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए, हमेशा ध्यान रखें कि अपने खाने की चीजों को सही तरीके से खाएं और स्वस्थ रहें।
क्या मछली खाने के बाद दूध पीना सही है ?
जानना है तो ये पूरी वीडियो देखे :
कई पारंपरिक मछली की डिश ऐसी होती हैं जिनमें दही का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि दूध का ही एक उत्पाद है। कॉन्टिनेंटल फूड में भी बड़ी मात्रा में मछली के साथ क्रीम मिलाकर डिश तैयार की जाती हैं। अगर मछली बनाने में तीखे मसालों का इस्तेमाल किया गया है तो उसके बाद दूध पीने से आपको पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन त्वचा पर सफेद धब्बे नहीं पड़ते। इसलिए यदि आपको आइंदा यही मिथक सुनने को मिले, तो उसपर यकीन न करें और अपनी फिश वाली डिश का मज़ा उठाएं।
मछली के ऊपर दूध पीने से बिमारी होने की कोई सम्भावना नहीं है, लेकिन यह एक असावधान और अनुचित कृत्य हो सकता है। दूध मछली के लिए समुचित नहीं होता है और इसलिए उनके शारीरिक प्रणाली में इसकी अवधि और स्वस्थ रहने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
दूध में लैक्टोज होता है जो कि मछलियों के पाचन तंत्र के लिए अधिक भारी होता है और इससे उनके पाचन तंत्र को प्रभावित किया जा सकता है। इससे उन्हें पेट में तकलीफ, त्वचा की एलर्जी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए, यदि आप मछली पालते हैं तो ध्यान रखें कि उन्हें उनके अनुभवों के अनुसार पोषण पदार्थ दें और दूध जैसी चीजों से बचें। आप अपने वैद्य से सलाह लें यदि आपको इस विषय में कोई संदेह हो तो।
मछलियों के लिए दूध एक अनुचित खाद्य पदार्थ होता है। मछलियाँ अपने आहार के लिए मांस, प्लांक्टन, कीटाणु और अन्य जीवाणु जैसे पोषण पदार्थों का उपयोग करती हैं। दूध मछलियों के शारीरिक प्रणाली के लिए उपयोगी नहीं होता है।
जब मछलियों को अनुचित आहार दिया जाता है, तो उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दूध में लैक्टोज होता है, जो मछलियों के पाचन संबंधी प्रणाली के लिए अधिक भारी होता है। इससे उन्हें पेट में तकलीफ, त्वचा की एलर्जी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए, यदि आप मछलियों को पालते हैं, तो उन्हें उनके अनुभवों के अनुसार पोषण पदार्थ दें। आप उन्हें दलिया, सोयाबीन फलक, अंडे, समुद्री जीव, खीरे और सब्जियों जैसे पोषण पदार्थ दे सकते हैं।
अंततः, मछली के ऊपर दूध पीना असावधानीपूर्ण हो सकता है और अनुचित है।
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